डीप वेब क्या है। What Is Deep Web

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डीप वेब जिसे अदृश्य वेब या हिडन वेब भी कहा जाता हैं जिनकी सामग्री सरफेस वेब सर्च-इंजन द्वारा खोजी नहीं जाती, उसे ही डीप वेब का नाम दिया गया है। लेकिन डीप वेब के जानने से पहले आपको ये जानना जरुरी है, की जो इंटरनेट है, वो तीन हिस्सों में बटहा हुआ है, जिसे सरफेस वेब, डीप वेब और डार्क वेब कहा जाता है, सरफेस वेब को हम गूगल या याहू के जरिये सर्च कर सकते है, पर डार्क वेब के एक्सेस लिए एक विशेष ब्राउज़र की आवश्यकता होती है, जिसे Tor ब्राउज़र कहा जाता है। दोस्तों अब बारी आती है, डीप वेब की, जिसे गूगल सर्च इंजन से छुपाया जाता है क्युकी इस में सरकारी एजंसिया अपना डाटा स्टोर करती है जैसे बैंक के जरुरी डॉक्यूमेंट्स, आर्मी के सीक्रेट दस्तावेज, बड़ी बड़ी प्राइवेट कंपनियों के जरुरी दस्तावेज, वैज्ञानिकों के की गए एक्सपेरिमेंट खोजे, मेडिकल लाइन से जुड़ी अहम जानकारिया होती है। डीप वेब पुरे इंटरनेट के 90% हिसे को कवर करता है, तो आप सोच सकते है, की जो हम सरफेस वेब चलाते है, वो पुरे इंटरनेट का सिर्फ 4% है, और डीप वेब कितना बड़ा इंटरनेट वर्क है।


डीप वेब को न तो सर्च इंजन द्वारा खोजा जा सकता है, और न ही गूगल Chrome जैसे सिंपल ब्राउज़र की मदद से। डीप वेब को एक्सेस करने के लिए खास कॉन्फ़िगरेशन और खास टूल्स की मदद ली जाती है। आप सोच रहे हो गए की ये सब डाटा डीप वेब पर क्यों रखा जाता है, तो चलिए बताता हु, डीप वेब के यूजर की आइडेंटिटी और उसकी ऑनलाइन एक्टिविटी को ट्रैक नहीं की जा सकता है। इसीलिए दुनिया भर की सरकारे डीप वेब पर अपना डाटा छुपा कर रखती है। डीप वेब की किसी भी Website को आप तब ही Visit कर सकते है, जब आपके पास उस Website का प्रॉपर URL लिंक होगा वार्ना आप उस Website पर नहीं जा पाए गए।


दोस्तों जैसे सरफेस वेब पर खोज करने के लिए Google Yahoo और Bing जैसे सर्च इंजन है वैसे ही डीप वेब पर  DeepPeep, Intute, Deep Web Technologies, Scirus, और Ahmia.fi कुछ ऐसे सर्च इंजन हैं, जिनसे डीप वेब Access किया जा सकता है।


अब डार्क वेब भी डीप वेब का एक हिस्सा है जिसे Hackes, Drug Dealer, Terrorist Group, Child Pornography Contact Dealer, Silk Road, Black Market, आदि सेर्विसेस ने कब्ज़ा कर रखा है। डार्क वेब में दुनिया भर के इललीगल काम किये जाते है, क्युकि इन Websites को कोई भी ट्रैक नहीं कर सकता है, और ये कहा से ऑपरेट की जा रही है। डार्क वेब पर हर वक़्त सरकारी एंजेंसिया इनपर नज़र टिकाये रखती है की कोई सुराग मिलने पर इन Sites को बद किया जा सके ।


तो दोस्तों कैसी लगी डीप वेब की ये जानकारी कमैंट्स में जरूर बता मिलते है एक और नये आर्टिकल के साथ।

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